5 Simple Statements About sidh kunjika Explained



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।

मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

If a person listens to Siddha Kunjika Strotam with complete devotion, the person will definitely encounter constructive variations in his/her existence.

Salutations on the a person who is indignant, salutations on the killer of Madhu, Salutations to at least one who was victorious more than Kaitabha, salutations to your killer of Mahisha  

iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित click here सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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